इस्लामाबाद। अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सौदा को मंजूरी मिलने पर पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि अमेरिका भारत को जहाज-रोधी मिसाइलें देकर क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर रहा है। यह परेशान करने वाली बात है और इससे अस्थिरता पैदा हो सकती है। दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को हार्पून मिसाइलें और मार्क 54 टॉरपीडो बेचने को लेकर अपने देश की कांग्रेस को आधिकारिक तौर पर जानकारी दी है। पाकिस्तान का यह बयान इसी के बाद आया है।
अमेरिका ने सोमवार को 15.5 करोड़ डॉलर की हारपून ब्लॉक-2 एयर लॉन्चड मिसाइलें और हल्के वजन के टॉरपीडो भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। इस पर पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता आइशा फारूकी ने कहा कि अमेरिका का भारत को मिसाइलों की बिक्री क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि जब सारी दुनिया महामारी से लड़ रही हैं, ऐसे में इस तरह की मिसाइल प्रणालियों की बिक्री, तकनीकी सहायता और लॉजिस्टिक समर्थन देना परेशान करने वाला कदम है। यह दक्षिण एशिया में पहले से ही अस्थिर स्थिति को अस्थिर करेगा। बता दें कि पेंटागन ने रक्षा सौदे के बारे में अमेरिकी संसद को अवगत कराते हुए कहा कि भारत हारपून ब्लॉक-2 और एमके-54 का इस्तेमाल क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपनी धरती की सुरक्षा बढ़ाने के लिए करेगा।
इस्लामाबाद में मीडिया ब्रीफिंग में आइशा फारूकी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को अत्याधुनिक हथियारों की बिक्री के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया है। पाकिस्तान और भारत के बीच उच्चायुक्त स्तर तक राजनयिक संबंधों की बहाली के बारे में फारूकी ने जवाब दिया कि पाकिस्तान हमेशा अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। कश्मीर पर बात करते हुए फारूकी ने कहा कि बातचीत के लिए भारत को अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है, जो कश्मीरी लोगों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर विवाद का समाधान कर सके। इसके अलावा पाकिस्तान में कोरोना वायरस के खतरे पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौती के जवाब में पाकिस्तान सरकार बिना किसी भेदभाव के अपने सभी नागरिकों की रक्षा कर रही है।