जयपुर। नाम और दाम कमाने के लिए झोटवाड़ा एसीपी रहे आस मोहम्मद ने अधिकारियों का खास बनने के लिए साम, दाम, दण्ड और भेद के सभी रास्ते अपनाए थे। परिणाम यह रहा कि पुलिस के कई अधिकारियों के खास बन चुके आस ने एसीबी की कार्रवाई के बाद पहले चकमा दिया और करीब छह माह बाद सरेंडर करने के बाद भी चेहरे पर शिकन तक नहीं आने दी। एसीबी की टीम ने को आस मोहम्मद को मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया, जहां से उसे कोर्ट ने 26 अगस्त तक एसीबी टीम को रिमांड पर सौंप दिया।
घूसखोरी का आरोप लगते ही आस मोहम्मद भूमिगत हो गया था और एसीबी लगातार पीछा कर रही थी। कोटा एसीबी की टीम सरेंडर करने के बाद शनिवार दोपहर को आस मोहम्मद को जयपुर पेश करने के लिए लाई। मजिस्ट्रेट के घर के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों ने आस मोहम्मद के गाड़ी से उतरते ही फोटो खींचना शुरू किया तो आस मोहम्मद ने कहा कि वेरी गुड वेलडन। इस दौरान आस मोहम्मद ने नेताओं की तरह हाथ हिलाकर मुस्कराकर मीडियाकर्मियों का शाबाश भी कहा। तभी पीछे चल रहे एक पुलिसकर्मी ने उनकी पीछे से दोनों हाथ से कमर पकड़ी और गेट के अंदर प्रवेश करा दिया। उसके बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी हुई।
एसीबी पर उठे सवाल अब आगे क्या?
झोटवाड़ा थाने के दलाल को जब घूस लेते दबोचा गया तब एसीबी की लापरवाही के चलते आस मोहम्मद भागने में सफल हो गया था। उस दौरान यह भी चर्चा रही कि एसीबी को पता था फिर भी आस मोहम्मद को पकड़ने के लिए तुरंत कार्रवाई और सर्च की प्रक्रिया तय समय पर नहीं अपनाई गई। वहीं अब चर्चा है कि आस मोहम्मद ने कई अधिकारियों के इशारे पर गलत को सही और सही को गलत कर दिया था, क्या उन अधिकारियों तक भी जांच की आंच पहुंचेगी।