भारत वर्ष हजारों साल से गांव और गरीबी प्रधान देश है। हमें वैदिक काल से ही एक प्रजा के रूप में देवी-देवताओं और राजा की विजय के दिवस मनाने की आदत है। हमारा इतिहास, संस्कृति और परम्परा में हर दिन शक्ति और भक्ति का उत्सव मनाता है। दुनिया में सत्य, शिव और सुंदर की महाखोज करते रहना भी हमारी इस बात का प्रमाण है कि मनुष्य की जीवनधारा को सुख-दु:ख का संगीत मानकर ही चलते रहना चाहिए।
राज का काज करने वालों की जुबान पर आजकल दो नाम चढ़े हुए हैं। इनमें एक सबसे बड़े सरकारी साहब हैं, तो दूसरे वे अफसर हैं, जिन्होंने राज के खजाने की चाबी संभाल रखी है।
तमाम अंतर्विरोधों और विरोधाभासों के बावजूद भाजपा लगातार दूसरी बार अपने ही बूते पर सरकार बनाने में सफल हुई है, इसके पीछे नरेन्द्र मोदी की करिश्माई शख्सियत की तो सबसे बड़ी भूमिका रही ही लेकिन साथ ही इसमें भाजपा
डॉ. भीमराव अम्बेडकर को सिर्फ दलितों के उद्धार नायक के रूप में देखकर उनका स्मरण करना दरअसल उनके सम्पूर्ण और विराट व्यक्तित्व की अनदेखी करना होगा। उन्होंने स्वतंत्र भारत के संविधान का जो खाका (1947-1950) के बीच तैयार किया था, उसे आज भी भारत में कई विद्वान अमर कृति तक कहते हैं।
जलवायु परिवर्तन समूची दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। जलवायु परिवर्तन से जहां समुद्र का जलस्तर बढ़ने से कई द्वीपों और दुनिया के तटीय महानगरों के डूबने का खतरा पैदा हो गया है।
भारत सरकार के अथक प्रयासें के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव में जर्जर अर्थव्यवस्था वाले पाकिस्तान ने स्वीकारा है कि उसकी धरती पर मदरसों में घृणा का पाठ पढ़ाया जाता रहा है। स
17वीं लोकसभा के लिए चुनाव का दौर शुरू हो गया है। भारत में और भारत के बाहर भी मीडिया में इस बात की चर्चा हो रही है कि गत पांच वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विभिन्न क्षेत्रों में क्या उपलब्धि रही?