जयपुर। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की फेमस बाघिन रही मछली को मैंने करीब आठ साल तक फॉलो किया था। तब जाकर एक बेस्ट वाइल्ड लाइफ फिल्म बनी। यह कहना है वाइल्ड लाइफ फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु का। मछली पर बनाई गई फिल्म पर नल्ला को 66वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स के तहत बेस्ट एनवायरनमेंटल फिल्म अवॉर्ड देने की घोषणा हुई। वाइल्ड लाइफ फिल्म मेकर नल्ला का कहना है कि वन्यजीवों पर फिल्म बनाना आसान काम नहीं है। इसके लिए धैर्य की आवश्यकता होती है।
इसके साथ ही सरकार की ओर से भी सपोर्ट मिलना जरूरी है। हम अपनी फिल्मों के माध्यम से लोगों को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करते हैं। नल्ला का कहना है कि रणथम्भौर टाइगर रिजर्व ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के ताड़ोबा टाइगर रिजर्व में भी नर बाघों की संख्या ज्यादा है। ताड़ोबा में अभी एक मादा बाघिन पर तीन से चार नर बाघ है। नल्ला रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-19 ‘कृष्णा’ पर भी मूवी बना चुके हैं। इसके अतिरिक्त करीब डेढ़ साल से नल्ला ताड़ोबा टाइगर रिजर्व में करीब 8 साल की मादा बाघिन ‘माया’ पर फिल्म बना रहे हैं।