जयपुर। दान-पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाएगा। दिनभर दान-पुण्य का सिलसिला चलेगा। लोग गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाएंगे। सभी गोशालाओं में गुरुवार को दान के लिए अतिरिक्त काउंटर लगाए जाएंगे। साथ ही गरीबों को गर्म कपड़े, अन्न का दान किया जाएगा। महिलाएं 14 वस्तुएं दान करेंगी। बाजारों में मकर संक्रांति के निमित्त दान करने के लिए 14 सामानों के सेट बनाकर बेचे जा रहे हैं। महिलाएं गर्म शॉल, जुराब, चप्पल और प्लास्टिक का सामान लेने में उत्साह दिखा रही हैं। इस दिन से हरिद्वार कुंभ भी प्रारंभ हो जाएगा। कोरोना के कारण सभी लोग कुंभ स्रान नहीं कर पाएंगे इसलिए कई स्वयंसेवी संस्थाएं गंगा जल का नि:शुल्क वितरण करेंगी। श्रवण नक्षत्र में मकर संक्रांति के साथ ही मंगल कार्य शुरु हो जाएंगे। संक्रांति पर शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शाम 4 बजकर 46 मिनट तक है। इस दिन भगवान सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे।
संक्रांति की कई मान्यताएं
तमिलनाडु में इसे पोंगल उत्सव के रुप में मनाते हैं। जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रांति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। उत्तरप्रदेश और बिहार में खिचड़ कहा जाता है। इस दिन गंगा या पवित्र सरोवर के जल में स्रान करने का विधान है।
राज्यपाल को पावन तीर्थों का जल भेंट
राज्यपाल कलराज मिश्र को मंगलवार को राजभवन में गोविन्ददेवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने मकर संक्रांति के लिए देश के पावन तीर्थों का मिश्रित जल भेंट किया। इस अवसर पर महंत गोस्वामी ने बताया कि तीर्थ स्थानों में अत्यधिक भीड़ व कोरोना काल के कारण श्री राधा गोविंद की कृपा से गोविंद सागर, त्रिवेणी संगम, हरिद्वार, नासिक, पुष्कर आदि तीर्थों का मिश्रित जल मंदिर में सामान्य जन को 13 जनवरी को दोपहर 11 बजे से वितरित किया जाएगा।