जयपुर। जल जीवन मिशन के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में जन से पानी मुहैया करवाने में देश के सात राज्यों ने बेहतर कार्य कर बच्चों को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण पानी मुहैया करवाया हो, लेकिन राजस्थान में अभी इस मुहिम को लेकर कागजी प्रक्रिया ही चल रही है। राज्य की करीब 14 हजार से अधिक स्कूलों में अभी भी नल से पानी पीने की व्यवस्था का अभाव बना हुआ है। मिशन की रिपोर्ट के अनुसार विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा आश्रमशालाओं में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए सभी राज्यों को सौ दिवस का विशेष अभियान की टास्क दी गई, जिसमें कई राज्यों ने शत प्रतिशत परिपूर्णता की रिपोर्ट दर्ज कराई है, लेकिन राजस्थान की ओर से कोई रिपोर्ट समिट नहीं हुई है। इस अभियान को भी 31 मार्च तक आगे बढ़ा दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, तमिलनाडु एवं तेलंगाना जैसे राज्यों ने सभी विद्यालयों तथा एडब्ल्यूसी में नल जल और पंजाब ने सभी स्कूलों में पाइप युक्त जलापूर्ति के प्रावधान के बारे में बताया है।
8.24 लाख की जियो टैगिंग
अभी तक 1.82 लाख जल प्रबंधन संरचना, 1.42 लाख वर्षा जल संचयन संरचनाओं का विद्यालयों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में निर्माण किया गया है। कुल मिलाकर 5.21 लाख विद्यालयों तथा 4.71 लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों को पाइप युक्त जलापूर्ति उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त इन स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग 8.24 लाख परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग भी की गई है।
राज्य की स्थिति
प्रदेश में 52 हजार 526 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा 14 हजार 841 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय है। इनमें हालांकि अधिकतर विद्यालयों में पानी की व्यवस्था तो है, लेकिन पाइप युक्त जलापूर्ति सिस्टम के जरिए नहीं है। ऐसे में करीब 14 हजार से अधिक स्कूलों को जल मिशन के तहत जोड़ने की कार्य योजना तैयार की गई है।
2770 गांवों के लिए प्रोजेक्ट मंजूर
जलदाय के एसीएस सुधांश पंत के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत दो हजार 770 गांवों में नौ लाख 76 हजार घरों तक नल से पानी कनेक्शन देने की मंजूरी प्रदान की गई है। इसमें सिंगल एवं मल्टी विलेज योजनाओं के साथ ही बड़े प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।
प्रदेश में 135 प्रतिशत भूजल दोहन
राज्य में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष पानी की उपलब्धता 640 घन मीटर ही है, जबकि देश में यह 1700 घन मीटर तथा विश्व में यह 2000 घन मीटर है। राजस्थान में देश की कुल जनसंख्या का 5.5 तथा देश के कुल पशुधन का भी 18.70 प्रतिशत है। जल की अत्यधिक आवश्यकता और सतही जल की कम उपलब्धता के कारण प्रदेश में भूजल का औसतन दोहन 135 प्रतिशत है। इस कारण राज्य के कुल 248 ब्लॉक में से 25 ब्लॉक ही सुरक्षित हैं। राज्य में प्रतिव्यक्ति पेयजल पहुंचाने का खर्चा भी देश में सर्वाधिक है। खारेपन से प्रभावित देश की कुल ढाणियों व गांवों में से अकेले राजस्थान में 92 प्रतिशत स्थित है।