जयपुर। मकर संक्रांति आते ही जयपुर में पतंगबाजी का शौक परवान पर होता है। पतंगबाजी के इस दौर में हजारों पक्षी पतंग के मांझे से कटकर घायल हो जाते हैं। ऐसे में घायल पक्षियों को समय पर उपचार देने के लिए जयपुर चिड़ियाघर की ओर से सी-स्कीम के अशोक विहार स्थित आपालकालीन पक्षी चिकित्सा केन्द्र में व्यवस्थाएं की गई हैं। जहां 13 से 15 जनवरी तक पतंग की डोर से घायल होने वाले पक्षियों की सार-संभाल कर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। आपातकालीन पक्षी चिकित्सा केन्द्र में दवाइयां, आहार, पराल सहित अन्य आवश्यक सामग्रियां मंगवा दी गई हैं। तीन दिनों के कैम्प में जू का स्टाफ सुबह 9.30 से रात 8 बजे तक पक्षी चिकित्सा केन्द्र में उपस्थित रहेगा। इस दौरान रक्षा संस्थान, होप एण्ड बियोन्ड सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं भी घायल पक्षियों को रेस्क्यू करेंगी। दैनिक नवज्योति भी लोगों से अपील करना चाहता है कि पतंगबाजी में घायल पक्षियों को तुरंत अशोक विहार स्थित पक्षी उपचार केन्द्र पहुंचाएं। ताकि उनका जीवन बचाया जा सके।
6 एन्क्लोजरों में रखे जाएंगे पक्षी
जू प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार पतंग के मांझे से घायल होने वाले पक्षियों के लिए आपालकालीन पक्षी चिकित्सा केन्द्र में करीब 6 एन्क्लोजर बनाए गए हैं। जहां इन्हें उपचार के दौरान रखा जाएगा। इन्हें यहीं दाना-पानी दिया जाएगा। घायल पक्षियों के स्वस्थ होते ही उन्हें स्वछन्द वातावरण में छोड़ दिया जाएगा। पक्षियों के उपचार के लिए जू प्रशासन ने डॉ अशोक तंवर, क्षेत्रीय वन अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन अब्दुल रशीद, वनपाल सीताराम चौधरी, सहायक वनपाल सुरेश चौधरी, राजकिशोर योगी, केटल गार्ड मामराज सिंह, राजेन्द्र सिंह को नियुक्त किया है।
सबसे ज्यादा कबूतरों पर मांझे की मार
पक्षी विशेषज्ञ रोहित गंगवाल ने बताया कि मंगलवार को पतंग के मांझे से करीब 53 कबूतर और 1 कमेड़ी घायल मिली हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुबह 6 से 8 और शाम को 4 से 6 बजे के बीच पतंगबाजी ना करें। जॉय गार्ड्नर ने कहा कि लोग चाइनीज मांझा ना खरीदें। साथ ही घायल पक्षी मिले तो तुरंत हैल्पलाइन नम्बरों पर कॉल कर सूचित करें।
मांझे से घायल पक्षी मिलने पर यहां सूचना दें-: 9828500065, 8239939929