जयपुर। संकट विलायती, आफत घरेलू हो गई, हर घर में गृहणी की पहली पसंद सोना अब सोणा नहीं चुभने लगा है। दूसरी ओर निवेशकों की पौबारह हो रही है। शुद्ध सोना सर्वकालिक ऊंचाई को छुते हुए तीन सौ रुपए बढ़कर 40,180 रुपए प्रति दस ग्राम हो गया। जेवराती सोना तीन सौ रुपए बढ़कर 37,700 रुपए प्रति दस ग्राम हो गया।
दूसरी ओर चांदी भी पीछे नहीं है। आठ सौ रुपए की छलांग लगाकर पचास हजार के नजदीक 48,800 रुपए प्रति किलो हो गई। चांदी रिफाइन 48,300 रुपए प्रति किलो रही।
बढ़त के मुख्य कारण
अमेरिका व चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर, वैश्विक मंदी व बाजार में नकदी की कमी ने सोना व चांदी के कारोबार को मंद कर दिया है। लोग अब भी सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं लेकिन लगातार बढ़ रहे सोने के दाम भी इसकी बिक्री पर असर डाल रहे हैं। डॉलर मजबूत है लेकिन भारतीय रुपया का अवमूल्यन हुआ है।
70 साल में 400 गुना महंगा
वर्ष 1925 में सोना 18 रु 75 पैसे का दस ग्राम मिलता था। सोने ने 1950 में पहली बार 100 के आंकडे को छूआ, लेकिन 70 साल बाद सोने का दाम सीधे-सीधे 400 गुना को भी पार कर गया। आईबीजेए के स्टेट प्रेसिडेंट मातादीन सोनी बताते हैं कि बिकवाली कम होने से उन्होंने भी सोना व चांदी की खरीद को काफी कम कर दिया है। बाजार से ग्राहक नदारद है।
पुराने गहनों से ही नया जेवर बनवा रहे है
सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर के प्रवक्ता आशीष मेघराज ने बताया कि त्योहार व शादियों के सीजन के बावजूद लोग अब पुराने गहनों से ही नया गहना बनवाने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। भारत में सोना अब निवेश की प्राथमिकता में नहीं रहा है, हालांकि शेयर बाजारए रियल एस्टेट आदि की हालत भी ठीक नहीं नजर आ रही।
बाजार में कैश का फ्लो काफी कम हो गया है, जिसके चलते वैट एंड वॉच की हालत है। इस बार मानसून काफी अच्छा है, शादियों का मौसम शुरू होने वाला है लेकिन इसके बावजूद सोना चांदी की खरीद में कमी आई है। लोगों को नकदी की भी समस्या हो रही है।