जयपुर। रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का इंतजार कर रहे प्रदेश के करीब 12 लाख बेरोजगार युवाओं को अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता। इसकी वजह चुनाव आयोग की ओर से फाइल को मंजूरी नहीं मिलना है। बीती 24 दिसम्बर 2019 को 31 हजार पदों पर रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा की घोषणा की गई थी, लेकिन करीब एक साल का समय बीत जाने के बाद भी ना तो अभी तक भर्ती की विज्ञप्ति जारी हो सकी है और ना ही सिलेबस। ऐसे में पिछले कुछ महीनों से लगातार बेरोजगारों की ओर से इसको लेकर मांग उठाई जा रही है।
पिछले दिनों राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर समस्या से अवगत करवाया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने फिर से अनुमति के लिए चुनाव आयोग में फाइल भेजी, लेकिन विभाग की ओर से कुछ वर्गों में कटऑफ में दी जा रही छूट के चलते चुनाव आयोग ने फाइल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। साथ ही छूट के चलते चुनावों को प्रभावित होने की भी बात कहीं। आयोग की ओर से 11 दिसंबर के बाद विज्ञप्ति जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। एक बार फिर से चुनाव आयोग से फाइल लौटने के बाद यादव का कहना है कि विभाग की ओर से कुछ वर्गों में शिथिलता दी जा रही है। इसके चलते चुनाव आयोग से अनुमति नहीं मिली है। इसलिए शिक्षा विभाग को 11 दिसम्बर के बाद जल्द से जल्द रीट की विज्ञप्ति और सिलेबस जारी करना चाहिए, जिससे प्रदेश के लाखों युवाओं को राहत मिल सके।