जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूल मंत्र है। हर अधिकारी और कर्मचारी इस सूत्र वाक्य को आत्मसात कर जनता से जुड़े कामों में किसी तरह की कमी नहीं रखें। उन्होंने निर्देश दिए कि कार्मिक विभाग में एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाए, जिसमें ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो काम में लापरवाह हैं तथा जिनके विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें हो या आदतन रूप से अनुशासनहीनता करते हो, उनके प्रकरण भिजवाए जाएं। राज्य सरकार उन प्रकरणों पर विचार कर दोषी कार्मिक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जिला कलेक्टर्स के साथ मुख्यमंत्री सहायता कोष, सिलिकोसिस योजना, राजस्व मामलों तथा मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सम्पर्क पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों सहित आमजन से जुड़े अन्य विषयों पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों के वाजिब काम समय पर पूरे करना सरकार का दायित्व है। अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता है, तो उसके लिए सम्बन्धित अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ग्रामीण आवास योजना को अव्वल बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास निर्माण में तेजी लाकर राजस्थान को इस योजना में देश में अव्वल बनाएं। उन्होंने एसीएस रोहित कुमार सिंह के कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि चिकित्सा में इन्होंने अच्छा कार्य किया, अब ग्रामीण विकास में भी अच्छा काम कर रहे हैं। लगातार मॉनिटरिंग से अव्वल स्थान हासिल करना है। वीसी के जरिए राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने भी कलेक्टरों को संबोधित किया। इस वीसी से मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य, एसीएस, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव और समस्त संभागीय आयुक्त भी जुड़े।
खेतों तक रास्ता देने का चलाएं अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधी आमजन के ऐसे जरूरी कामों को मौके पर ही करने के लिए जल्द ही प्रशासन गांवों के संग अभियान चलाएगी। इसके लिए संबंधित विभाग अभी से तैयारी शुरू कर दें। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि काश्तकारों को खेतों तक रास्ता देने के लिए अभियान चलाएं। उन्होंने भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण तथा तहसीलों को ऑनलाइन करने के काम को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाड़मेर के पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर भू-संपरिवर्तन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया जाए। साथ ही दुर्घटना के प्रकरणों में मुख्यमंत्री सहायता कोष से तुरंत सहायता मुहैया करवाई जाए।
पांच कलेक्टरों की लगी क्लास!
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सम्पर्क पोर्टल पर आने वाली आमजन की समस्याओं का पूरी गंभीरता के साथ समय पर समाधान हो। उन्होंने जयपुर जिले से सेवानिवृत्त एक पटवारी के पेंशन प्रकरण में देरी, जालोर में गार्गी पुरस्कार के चैक का समय पर वितरण नहीं होने तथा प्रतापगढ़ में म्यूटेशन के प्रकरण में अनावश्यक देरी और दौसा एवं जैसलमेर में लंबित प्रकरणों पर नाराजगी जताते हुए जिला कलेक्टरों को संबंधित अधिकारी एवं कार्मिक की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए।