जयपुर। मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत ने अचल सम्पति आवंटन नीति, 2005 के तहत मंडी प्रांगणाें में दुकान या भूखण्ड आवंटी फर्माें द्वारा भागीदारी परिवर्तन एवं नाम परिवर्तन पर देय प्रशासनिक शुल्क घटाया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रस्ताव के अनुसार नाम परिवर्तन पर प्रशासनिक शुल्क अब प्रभावी डीएलसी दर का 5 प्रतिशत के स्थान पर 2.5 प्रतिशत देय हाेगा। इसी प्रकार भागीदारी परिवर्तन की स्थिति में 50 प्रतिशत तक परिवर्तन पर प्रशासनिक शुल्क डीएलसी दर का एक प्रतिशत के स्थान पर 0.5 प्रतिशत तथा इससे अधिक भागीदारी परिवर्तन पर प्रशासनिक शुल्क डीएलसी दर का दो
प्रतिशत के स्थान पर एक प्रतिशत देय हाेगा।
उल्लेखनीय है कि व्यापारियों ने मंडी प्रांगणाें में नाम परिवर्तन एवं भागीदारी परिवर्तन हेतु वर्तमान में लिए जा रहे प्रशासनिक शुल्क काे अधिक बताते हुए इसे कम करने की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों की मांग पर संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेकर उन्हें राहत प्रदान की है।