रियांबड़ी/पादूकलां। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना संक्रमण ने आज पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है, हालात बेकाबू हो रहे हैं और कई देशों में तो हजारों लोगों की जान तक चली गई है। अमेरिका में भी हालात काफी भयावह हैं, लेकिन इस बीच राजस्थान के नागौर जिले के एक पिता, उनके पुत्र व पुत्री तीनों ही मिलकर अदम्य साहस, त्याग और बलिदान को पेश कर मारवाड़ के गौरवशाली अतीत को वर्तमान में चरितार्थ कर रहे है। पिता व पुत्र-पुत्री तीनों संयुक्त राज्य अमेरिका के हेमेट शहर में डॉक्टर हैं। इंसानी जिंदगियां बचाने के इस लोक कल्याण के कार्य में तीनों ने अपने आप को समर्पित कर रखा है। इस वैश्विक संकट के समय संयुक्त राज्य अमेरिका में तेजी से बढ़ रहे इस कोरोना वायरस संक्रमण के बीच डॉक्टर गिरधारी सिंह राजपुरोहित, उनके पुत्र डॉक्टर नरेश सिंह राजपुरोहित व पुत्री डॉक्टर ज्योति राजपुरोहित कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में अथक प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि डॉक्टर गिरधारी सिंह राजपुरोहित रियां बड़ी निवासी श्याम सिंह राजपुरोहित के बहनोई है व उनके भतीजे राजू सिंह राजपुरोहित व सुमेर सिंह राजपुरोहित ने भी स्थानीय स्तर पर यहां जरूरतमंदों की सेवा में जुटे हुए है।
हालत भयावह, घरों में रहें व लॉकडाउन का पालन करें
तकरीबन 50 वर्ष पहले अमेरिका गए डॉक्टर गिरधारी सिंह राजपुरोहित का आज भी नागौर जिले में अपने गांव चम्पाखेड़ी व अपने ससुराल रियांबड़ी से अथाह आत्मीय जुड़ाव है। डॉ. राजपुरोहित संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के हेमेट शहर में हेमेट वैली हॉस्पिटल में चीफ ऑफ स्टाफ हैं। डॉक्टर राजपुरोहित यहां संक्रमित मरीजों का इलाज करने के साथ ही अन्य मेडिकल स्टाफ को वर्तमान आपातकालीन परिस्थितियों में काम करने की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। डॉ. राजपुरोहित बताते हैं कि हेमेट वैली हॉस्पिटल में क्षमता से अधिक कोरोना के मरीज होने के चलते अस्थाई वार्ड बना बेड तैयार किए हैं। उन्होंने बताया की अधिकतर कम इम्युनिटी पावर वाले बुजुर्ग व अन्य किसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ ही बच्चे व गर्भवती महिलाएं कोरोना संक्रमित हो रही हैं। संक्रमण से कइयों की मौत तक हो गई है। डॉ. गिरधारी सिंह ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में अभी तक 3563 कोरोना संक्रमित मरीज इलाज के लिए लाए गए है, जिनमें से अभी तक 1207 मरीजों को ठीक किया जा चुका है और करीब 118 मरीजों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में दिन-प्रतिदिन हालत भयावह होते जा रहे है और अभी तक इसका कोई इलाज भी नहीं है। मेरी एक सलाह है कि जब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन जाती, सभी लोगों को घरों के दरवाजों के अंदर रहकर लॉकडाउन की पालना करनी चाहिए।
मास्क लगाएं व सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें
डॉ. गिरधारी सिंह राजपुरोहित के पुत्र डॉक्टर नरेश राजपुरोहित भी पिता के मातहत संयुक्त राज्य अमेरिका के केलिफोर्निया स्टेट के हेमेट शहर में हेमेट वैली हॉस्पिटल में एमडी हैं और इंटरनल मेडिसिन मेडिकल फिजिशियन के पद पर कार्यरत है। डॉ. नरेश पुरोहित बताते हैं कि कोरोना के चलते सिर्फ आपातकालीन स्थितियों में ही दूसरे मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वर्तमान में घर पर जाने के बाद भी पूरी तरह से वो एहतियात बरत रहे हैं। एक घर में रहते हुए भी आपस में परिजनों से मिले दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है, ताकि परिवार में संक्रमण नहीं फैले। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जब तक इसके लिए कोई टीका विकसित नहीं किया जाता है, तब तक हमें बाहरी व्यक्ति से सामाजिक दूरी बनाए रखना चाहिए और हर समय अपने हाथों को भी धोना चाहिए और बार-बार सफाई करनी चाहिए और अपनी प्रतिरक्षा को मजबूत रखना चाहिए।
खुद को बचाएंगे तो कम होगी संक्रमण की रफ्तार
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और धीमा करने के लिए सबसे अच्छा तरीका खुद को इससे बचाना है। कोरोना वायरस के बारे में अब सभी को अच्छी तरह से पता है कि यह कैसे फैलता है। इसलिए अपने हाथों को धोने के लिए एल्कोहॉल युक्त सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए खुद को संक्रमण से बचाएं और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। इसके अलावा बार बार अपने चेहरे को न छुए। वायरस मुख्य रूप से लार की बूंदों या नाक से तब फैलता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति को खांसी या छींक आती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी कोहनी में खांसी करें।