चूरू। चूरू की आपणी पाठशाला अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है। महिला थाना पुलिस के सिपाही धर्मवीर द्वारा जिला मुख्यालय पर संचालित इस पाठशाला में उन अभावग्रस्त बच्चों को पढ़ाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, जो शहर में कचरा बीनने और भिक्षावृत्ति में संलिप्त हैं। अगर कहा जाए कि सिपाही धर्मवीर जाखड़ आपणी पाठशाला में हीरो को तराशने का काम कर रहे हैं, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
पाठशाला की बालसभा में 7 साल के बच्चे ने जब शर्माते हुए एक गाना गाया तो सिपाही धर्मवीर ने उसका एक वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। सात साल के इस बच्चे के गाने को 20 दिन में 11 मिलियन यानी 1.10 करोड़ लोग ने देखा हैं। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले अशोक का दूसरे गाने के वीडियो को 2 दिन में 7 मिलियन लोगों (70 लाख) ने देखा। अब आपणी पाठशाला इस नन्हे सिंगर को चमकाने में लग गई है।
संगीत के बारे में पता नहीं होने के बाद भी बिखेरा आवाज का जादू
सात साल के इस नन्हे बालक ने जन्म के बाद अपने शराबी पिता की प्रताड़ना सही, भूखमरी में दिन निकाले और पेट भरने के लिए मां के साथ कचरा बीना तथा भीख मांगी, लेकिन इस नन्हे बालक के गाये गाने के वीडियो को दो दिन में सात मिलियन लोग देख चुके हैं। फिल्मी गानों को अपने सुरों में पिरो कर 7 साल का अशोक नए आयाम स्थापित कर रहा है। आवाज में कसक और सुरों में डूबकर जब यह नन्हा सिंगर गाना गाता है, तो कोई भी उसकी तारीफ किए बगैर नहीं रह सकता। संगीत के बारे में पता नहीं होने के बाद भी जब अशोक अपनी आवाज का जादू बिखेरता है, तो हर कोई उसका कायल हो जाता है।
बालसभा में गाए गाने से बनी पहचान
सोशल मीडिया पर अशोक की मीठी आवाज पर इन दिनों लोग झूम रहे हैं। अपनी सधी आवाज में फिल्मी गीतों का ऐसा जादू की इस एक गाने को 15 हजार लोगों ने कमेंट कर तारीफ की है, तो 24 हजार लोग इसे शेयर कर चुके हैं। बालसभा में गाए इस गाने ने अशोक की अलग ही पहचान बना दी है। आपणी पाठशाला के सिपाही धर्मवीर ने अशोक को नया मोबाइल खरीदकर दिया है, ताकि वह अपने हुनर को निखार सके।
मां ने भिक्षावृत्ति छोड़ शुरू की मजदूरी
अशोक की मां मंजू सरदारशहर के शिमला गांव की है, जिसकी शादी चूरू के थैलासर गांव के कैलाश के साथ 12 साल पहले हुई थी। शराबी पति की मारपीट और प्रताड़ना के बीच मंजू ने भीख मांगकर अपने बच्चों का पालन किया। मंजू बताती है कि पांच साल का अशोक जब गाने गाता था, तो उसका पिता उसकी पिटाई करता था।
शराबी पिता ने अशोक की मां को उसके चार बच्चों के साथ उनके हाल पर छोड़ दिया और फरार हो गया। कच्ची बस्ती में रह रही मंजू ने इसके बाद चारों बच्चों को आपणी पाठशाला भेजना शुरू कर दिया। आपणी पाठशाला में जहां चारों बच्चे पढ़ने लगे वहीं मंजू ने भी भिक्षावृत्ति छोड़कर मजदूरी शुरू कर दी।