दुनिया का हर देश अपनी जमीन में विस्तार करने के लिए खाली पड़े आइलैंड पर कब्जा करने की कोशिश करता है। कई बार ये बात यहां तक पहुंच जाती है कि दो देश इन स्थानों के लिए लड़ने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला विवाद हुआ फ्रांस और स्पेन के बीच एक आइलैंड को लेकर। उसके बाद जब इन दोनों देशों ने इसे लेकर समझौता किया तो सब हैरान रह गए। क्योंकि ये आइलैंड हर साल दो देशों के पास बारी बारी से जाता है। दरअसल, फ्रांस और स्पेन के बीच में फैंसेंस नाम का एक खूबसूरत आइलैंड है। इस आइलैंड पर को लेकर दोनों ही देश अपना हक जताते रहे हैं। जिसे लेकर दोनों देशों में कई बार टकराव की स्थिति बन गई। आखिरकार इस आइलैंड के लिए दोनों देशों की लड़ाई खत्म हो गई और दोनों ही देशों ने इस आइलैंड पर अपना हक जमा लिया। दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ जिसके मुताबिक, ये आइलैंड 6 महीने स्पेन और 6 महीने फ्रांस के पास रहता है।
बता दें कि फैंसेंस आइलैंड 3,000 वर्ग मीटर में फैला है। इस आइलैंड को बिदासोआ नदी फ्रांस और स्पेन की सीमा से अलग करती है। दो देशों की सीमा पर स्थित आखिरी शहर हेंडेई है। यहां फ्रांसीसी बास्त बीच रिजॉर्ट पर हजारों सीलें जमा होती हैं। वहीं इसके दूसरे हिस्से पर एक बड़े से डैम के बाद स्पेन का इरुन शहर हैं, जो फ्रांस की सीमा पर स्थित है। बिदासोआ नदी ही इन दोनों शहरों को अगल-अलग करती है। ये आइलैंड लगातार अपना आकार बदलता रहता है क्योंकि यहां पानी का तेज बहाव आसपास जमी मिट्टी को अक्सर काट देता है। जिससे इसके आकार कभी बड़ा तो कभी छोटा हो जाता है। जब जल स्तर घटने लगता है तो कई बार स्पेन या फ्रांस के लिए पैदल ही जाना पड़ता है। इसीलिए इस आइलैंड को टूरिस्ट्स के लिए किसी खास मौके पर ही खोला जाता है।
बता दें कि फैंसेंस आइलैंड फ्रांस और स्पेन की सीमा पर बसे आखिरी दो शहरों के बीच बसा है। इसीलिए इस आइलैंड को न्यूट्रल टेरिटरी भी कहा जाता है। जब 1659 में फ्रांस और स्पेन के बीच जंग खत्म हुई तो बातचीत के लिए इसी आइलैंड को चुना गया। इसलिए इसका ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है। इस बातचीत में फ्रांस के किंग लुईस ने स्पेन के किंग फिलिप की बेटी से शादी कर ली, जिसे पाइनीस की संधि भी कहते हैं। तभी यह तय किया गया कि इस आइलैंड को दोनों देश मिलकर बांटेगे, जिसके कारण यह आइलैंड 6-6 महीने तक दोनों देशों के पास रहता है। बता दें कि फैंसेंस आइलैंड 1 फरवरी से 31 जुलाई तक स्पेन के पास और बाकी के छह महीने फ्रांस के पास रहता है। ये सिलसिला यूं ही पिछले 350 सालों से चला आ रहा है और यह द्वीप दो देशों के बीच लोगों को आकर्षित करता है।