पूरी दुनिया में तमाम ऐसे इमारतें हैं जिन्हें भूतिया या डरावना माना जाता है। जहां जाने से इंसान तो क्या जानवर भी कतराते हैं। आज हम आपको एक ऐसा ही इमारत के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे ऊंची वीरान बिल्डिंग है। जहां जाने के नाम से ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाता है। दरअसल, उत्तर कोरिया में मौजूद होटल की बिल्डिंग ऐसी ही भूतिया जगहों में से एक है। उत्तर कोरिया में एक ऐसा होटल मौजूद है, जिसको शापित और भूतिया कहा जाता है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी में दर्ज
यह होटल पिरामिड जैसे आकार और नुकीले सिरे वाली गगनचुंबी इमारत के रूप में बनाया गया है। इस होटल का निर्माण कार्य बीच में ही रोक दिया गया और 33 साल बीत जाने के बावजूद इसका निर्माण कार्य आज भी अधूरा ही है। इस होटल का आधिकारिक नाम रयुगयोंग है, इसे यू-क्यूंग के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में स्थित इस होटल की ऊंचाई 330 मीटर है और इसमें 105 कमरे हैं। यह होटल बाहर से दिखने में बेहद भव्य और आलीशान दिखाई देता है। उत्तर कोरिया में लोग इस होटल को भूतिया इमारत कहकर पुकारते हैं। जापान की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरियाई सरकार ने इस होटल के निर्माण में काफी रुपए खर्च किए। उत्तर कोरियाई सरकार ने इस होटल पर लगभग 55 खरब रुपए खर्च किए हैं, लेकिन आज तक यह होटल बनकर तैयार नहीं हो पाया है। आज दुनिया इसको धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत के रूप में जानती हैं। इस होटल की इसी खासियत के कारण इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी में दर्ज है।
होटल का निर्माण कार्य आज भी अधूरा
अगर यह होटल पूरा बनकर तैयार हो जाता, तो यह दुनिया की 7वीं सबसे ऊंची इमारत और दुनिया के सबसे ऊंचे और आलीशान होटल मे तौर पर जाना जाता। बता दें कि इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू किया गया था और इसको पूरा करने के लिए दो साल का समय रखा गया था। इसके निर्माण में कई तरह की दिक्कतें आने लगी थीं, जिसके बाद 1992 में इसका निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। हालांकि, साल 2008 में इसे बनाने का काम काम फिर से शुरू हुआ और इस पर 11 अरब रुपए खर्च किए गए। हालांकि होटल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका।