सेंटिनल आइलैंड। क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं कि 21वीं सदी में भी भारत में एक ऐसी जगह है जहां जाने के बाद आज तक कोई वापस नहीं लौटा। हम बात कर रहे हैं इंडियन ओशन के नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड की। आप जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि यहां इंसानों की एक प्रजाति रहती है। इसके बाद भी कोई व्यक्ति यहां जाने के बाद वापस लौटकर नहीं आता। दरअसल यहां रहने वाली जनजाति सेंटिनलीज जनजाति का आधुनिक मानव सभ्यता से कोई लेना-देना नहीं है। इन लोगों को कई बार आधुनिक समाज से जोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन ये जनजाति इतनी ज्यादा आक्रामक है कि वे किसी को अपने पास आने ही नहीं देते। जो भी उनके पास जाता है वह उसे खत्म कर देते हैं।
भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर पर किया था हमला
कई बार भारत सरकार समेत आम लोगों ने उन तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन इन लोगों ने उन्हें मार डाला। कुछ समय पहले गलती से एक भागा हुआ कैदी इस आइलैंड पर पहुंच गया था तो इन आदिवासियों ने उसे भी मार दिया था। साल 1981 में एक भटकी हुई नौका इस आइलैंड के आस-पास पहुंच गई थी। इस नौका में बैठे लोगों ने किसी तरह बचकर अपनी जान बचाई थी। नौका के साथ वापस आए लोगों ने बताया था कि कुछ लोग किनारों पर तीर-कमान और भाले लेकर खड़े थे। किसी तरह वह लोग वहां से बचकर निकलने में सफल हो पाए थे। बता दें कि साल 2004 में इस इलाके में भयानक भूकंप आया था। इस सुनामी के बाद भारत सरकार ने आइलैंड की खबर लेने के लिए सेना का हेलिकॉप्टर भेजा था, लेकिन उन लोगों ने सेना के हेलिकॉप्टर पर भी हमला कर दिया था।
न मोबाइल फोन, न ही बिजली
इस इलाके की हवाई तस्वीरों से साफ होता है कि यहां के लोग खेती नहीं करते, क्योंकि पूरे इलाके में घने जंगल हैं। यह जनजाति आज भी शिकार पर निर्भर है। करीब 60 हजार साल से ये लोग यहां रह रहे हैं। इन लोगों का आज भी किसी से कोई संबंध नहीं है। यहां से जो भी प्लेन गुजरता है उन पर ये लोग तीरों में आग लगाकर मार देते हैं। हम आज बिना बिजली के रहने की कल्पना नहीं कर सकते। लेकिन यहां ना तो बिजली है और ना ही मोबाइल फोन।