मिसूरी। ऐसा कई बार होता है जब इंसान कुछ अच्छा करने जाता है, लेकिन उससे इस दौरान बड़ी भूल हो जाती है, जिससे उससे जुड़े सभी लोग कहीं ना कहीं प्रभावित होते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ था अमेरिका में अधिकारियों के साथ, जब उन्होंने सोचा तो लोगों की भलाई के बारे में था, लेकिन इस दौरान उनसे अनजाने में एक बड़ी भूल हो गई जिसका असर हजारों लोगों पर पड़ा था और सैंकडों लोगों को अपना घर-बार सब छोड़ना पड़ा था। दरअसल, अमेरिका के मध्यपश्चिम के राज्य मिसूरी के शहर टाइम्स बीच के लोगों को राज्य के स्वास्थ्य विभाग और रोग नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनको पूरा शहर खाली करना पड़ेगा। इसका कारण था कि इस शहर की सड़कों पर रासायनिक डाइऑक्सिन का छिड़काव किया गया। इसके बाद अधिकारियों ने पूरे शहर को खाली करवाया और उसके बाद शहर की तमाम इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया। साल 1985 में इस शहर को अधिकारिक तौर पर तोड़ दिया गया था। टाइम्स बीच को 1925 में एक अखबार के प्रचार के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया था।
सेंट लुइस टाइम्स नामक एक अखबार ने 6 महीने की सदस्यता लेने और उसके साथ 67.50 डॉलर अधिक देने की एवज में 20-बाय-100 फुट लॉट मेरिमेक नदी के पास देने का प्लान बनाया था, जहां आबादी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई थी। समाचार पत्र ने जिस शहर की कल्पना की थी, टाइम्स बीच कभी वैसा नहीं बन पाया। इसके बजाय, यहां पर लगभग 2,000 लोगों जो निचले-मध्य-वर्ग वाले समूह से आते थे, रहने लगे। यह जगह शिकागो से लॉस एंजिल्स को जोड़ने वाले हाईवे से सटी हुई थी। दुर्भाग्य से, टाइम्स बीच के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपनी सड़कों को दुरूस्त कर सकें। ऐसे में कारों और गाड़ी से उड़ने वाली धूल, लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। साल 1972 में शहर के अधिकारियों ने सोचा कि उन्हें समस्या का एक सही समाधान मिल गया है। उन्होंने स्थानीय अपशिष्ट-हाउलर रसेल ब्लिस को सड़कों पर तेल का छिड़काव करने के लिए प्रति गैलन सिर्फ 6 सेंट देने का वादा किया। यह फैसला यह सोचकर लिया गया था कि तेल के कारण धूल नहीं उड़ेगी। रसेल ब्लिस ने शहर भर की सड़कों पर जिस तेल का छिड़काव किया था, वो उसे साल भर पहले मुफ्त में मिला था।
दरअसल, एक रासायनिक निर्माता ने अपना अधिकांश पैसा सेना को दे दिया था, ताकि वो उसे अपशिष्ट पदार्थों से छुटकारा दिला सकें। इस दौरान उसने उस कचरे को छह ट्रक में डाल दिया। इस दौरान हेक्साक्लोरोफेन बना, जो एक खतरनाक रसायन है। अगर कोई व्यक्ति इसके संपर्क में आता है तो उसे 10 से अधिक वर्षों तक इससे होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद टाइम्स बीच में दिन भर दौड़ने वाले घोड़े एक एक करके अचानक से मरने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। कुछ दिनों बाद इंसान भी बीमार पड़ने लगे। इसके साथ ईपीए की एक टीम शहर में आई और उसने मिट्टी के कुछ सैंपल उठाए। साल 1982 में एजेंसी ने बताया कि शहर में डाइऑक्सिन का स्तर काफी ज्यादा है। डाइऑॅक्सिन सबसे शक्तिशाली कैंसर पैदा करने वाला एजेंट है, जो मनुष्य द्वारा बनाया गया था। इसके बाद इस शहर को क्रिसमस के ठीक बाद खाली कर दिया। हालांकि, साल 1999 में शहर को पूरे तरीके से साफ किया गया और फिर उसके बाद यह फिर लोगों के लिए खुल गया।