जोधपुर । आने वाले दिनों में रेलवे अधिकारी अपने चेंबर में बैठकर रेलवे ट्रेक पर दौड़ रही ट्रेनों की स्पीड, लोकेशन, फ्यलू प्रेशर और बैटरी वोल्टेज का पता कर सकेंगे। इससे ट्रेन में आने वाली समस्या का समाधन हो सकेगा। रेलवे द्वारा रिमोट मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट ऑफ लोकोमोटिव एंड ट्रेन यानी रेमलाट पर काम शुरू कर दिया है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद ट्रेनों के आने-जाने की सटीक जानकारी मिल सकेंगी।
ट्रायल शुरू हो गई हैं
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार दो स्टेशनों के बीच दुर्घटना होने पर इंजन की वास्तविक लोकेशन ट्रेस करने में समय लगता है। दूरस्थ और ऐसे स्थान जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं होता और दो स्टेशनों के बीच दूरी भी ज्यादा होती है , विशेष रूप से वहां ऐसी समस्या आती हैं। रेमलाट से इंजन की वास्तविक लोकेशन के साथ अन्य जानकारी भी मिल सकेंगी। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार अजमेर व जोधपुर डीजल शेड में इंजन में लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा नए इंजन में पहले से ही लगकर आ रहे हैं।
इस प्रकार काम करता है
इसमे एंटीना की तरह एक उपकरण लगाया जाता है , जो सेटेलाइट को सिग्नल भेजता है इसके लिए जीएसएम और सीटीटएमए नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। इस सिस्टम के लिये वेबसाइट बनाई गई हैं।