जैसलमेर । प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार बाडेबंदी पार्ट-2 में जैसलमेर आ गई है। जैसलमेर के तपते रेगिस्तान में सूर्यगढ़ होटल से गर्मा रही सियासत के बीच शनिवार को सरहदी जिले में सरकार की पहली सुबह खुशनुमा रही। ईद के मौके पर जहां मुस्लिम विधायकों ने होटल से ही ईद की नमाज अदा की वहीं बाकी विधायकों ने भी स्वर्णनगरी से ही सूर्यदेवता को नमन किया। अल सुबह जहां विधायकों ने योगा व होटल की जिम में व्यायाम किया वहीं होटल में ही बनी गौशाला व घुड़शाल में भी विधायक गायों को घास खिलाते व घोड़ों को सहलाते हुए दिखाई दिये। सुबह के नित्यकर्म के बाद होटल के लॉन में सभी विधायक एकत्र हुए और आगामी रणनीति को लेकर चर्चा करते हुए दिखाई दिये।
गौरतलब है कि जैसलमेर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फेवरेट जगह रही है, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में या फिर संकट में हमेशा गहलोत ने जैसलमेर की भारत पाक सीमा स्थित तनोट माता मंदिर में आस्था जताई है ऐसे में इस संकट से उबरने के लिये भी गहलोत अपने विधायकों के साथ सरहदी तनोट माता मंदिर जा सकते हैं। राज्यपाल द्वारा 14 अगस्त को विधानसभा सत्र की अनुमति के बाद गहलोत के सामने 13 तारीख तक विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती बन रहा था। वहीं सचिन पायलट की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही थी। ऐसे में गहलोत ने अपने विधायकों के बिखराव के भय के चलते उन्हें जैसलमेर से 15 किलोमीटर दूर सुनसान इलाके में स्थित सूर्यगढ़ होटल में लाकर रखा है, अब देखना यह होगा कि जयपुर से शुरू हुए सियासी संकट का हल क्या सरहदी जिले जैसलमेर में निकल सकता है।