जोधपुर । व्यास विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेशों को लागू करने में लेटलतीफी के चलते पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रमों और स्रातकोत्तर सेमेस्टर कक्षाओं के आधे से अधिक छात्रों पर बोझ पड़ा। वहीं अब विवि प्रशासन ने आनन-फानन में ही खुद की चूक ढकने के लिए करीब दो माह से अधिक समय गुजरने के बाद अब दो किस्तों में फीस जमा का ऑनलाइन ऑप्शन दिया है। अब इस मामले में विवि प्रशासन ने चुप्पी साध ली है।
वहीं छात्रनेताओं ने फीस में कमी करने की मांग उठाई है। वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप में छात्रनेताओं ने दो किस्तों में शुल्क लेने की मांग रखी थी। जिस पर विवि प्रशासन ने 23 जुलाई को स्रातक व स्रातकोत्तर सेमेस्टर के लिए दो किस्तों में फीस लेने का आदेश तो जारी कर दिया। मगर इस आदेश की पालना ऑनलाइन सिस्टम पर ही नहीं हो पाई। ऐसे में छात्रों को पूरी फीस का चालान ही मिलता रहा।
आधे से अधिक ने फीस जमा कराई
आलम यह है कि इन कक्षाओं के आधे से अधिक छात्रों ने पूरी फीस जमा करवा दी। जिसमें पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रमों में करीब 40 हजार रुपये से अधिक की फीस जमा करवानी पड़ी। वहीं अब करीब दो माह से अधिक समय गुजरने के बाद विवि प्रशासन ने खुद के 23 जुलाई के आदेश की सुध ली। जिसमें अब दो किस्तों में फीस जमा करने का ऑनलाइन ऑप्शन मुहैया करवाया गया। और तो और आधे से अधिक छात्रों को फीस का अलग चालान जमा करने का संशय भी बन गया है।
फीस में रियायत की फिर मांग
कई छात्रनेताओं ने अब फीस में रियायत देने की भी वापस मांग उठाई है। छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्रसिंह भाटी का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संसाधन कम हो गए हैं। वहीं विवि में भी कक्षाएं नहीं लगने से अतिथि शिक्षकों सहित कई खर्चों में कमी हो गई है। ऐसे में छात्रों की फीस में राहत दी जा सकती है।