नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण चौतरफा मार झेल रहे देश के गरीब तबके को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नवम्बर तक करने का ऐलान किया, जिसके तहत गरीब परिवारों के प्रत्येक सदस्य को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा। मोदी ने कोरोना महामारी के कारण देश भर में पूर्णबंदी के कई दौर के बाद आर्थिक गतिविधियों तथा जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए अनलॉक 2 शुरू होने से एक दिन पहले राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में त्योहारों का मौसम शुरू होने वाला है और इसे ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार गरीब तबके के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नवम्बर तक किया जा रहा है। इसके तहत गरीब परिवारों के हर सदस्य को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना मुफ्त दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि योजना के इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है। मोदी ने कहा कि देश में वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर कृषि क्षेत्र में ही ज्यादा काम होता है और जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। उन्होंने कहा कि अभी 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है, फिर सावन शुरू हो रहा है। फिर 15 अगस्त आएगी, रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी आएगी, ओणम होगा। और आगे जाएं तो काटी बीहू, नवरात्रि, दुर्गापूजा, दशहरा, दीपावली, छठी मइया की पूजा है। त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे भारत के लिए एक सपना देखा है। अब पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड। इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब लोगों को मिलेगा, जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर कहीं और, किसी और राज्य में जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने तो बहुत अच्छा काम भी किया है। गरीब कल्याण योजना के लिए किसान और करदाताओं की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों आज गरीब या जरूरतमंद को सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है। पहला हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता और दूसरा हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर। आपका परिश्रम, आपका समर्पण ही है, जिसकी वजह से देश ये मदद कर पा रहा है। आपने देश का अन्न भंडार भरा है, इसलिए आज गरीब का, श्रमिक का चूल्हा जल रहा है। आपने ईमानदारी से टैक्स भरा, अपना दायित्व निभाया है, इसलिए आज देश का गरीब इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है। मैं आज हर गरीब के साथ ही देश के हर किसान, हर टैक्सपेयर का ह्रदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।
देश को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने देशवासियों से दिन रात मेहनत करने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम अपने प्रयासों को और तेज करेंगे। हम गरीब, पीड़ित, शोषित-वंचित हर किसी को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे। हम सारी एहतियात बरतते हुए आर्थिक गतिविधियों को और आगे बढ़ाएंगे। हम आत्मनिर्भर भारत के लिए दिन-रात एक करेंगे। हम सब लोकल के लिए वोकल होंगे। इसी संकल्प के साथ हम 130 करोड़ देशवासियों को मिलजुल कर, संकल्प के साथ काम भी करना है, आगे भी बढ़ना है। इससे पहले पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है लेकिन समय रहते किए गए उपायों और कदमों से भारत की स्थिति अनेक देशों की तुलना में संभली हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ते हुए अब हम अनलॉक-2 के साथ-साथ उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं जहां सर्दी-जुखाम, खांसी-बुखार के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में मेरी सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि वे अपना ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है। लेकिन जब से अनलॉक-1 हुआ है व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढ़ती ही चली जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले हम मास्क को लेकर, 2 गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे। लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है, तो लापरवाही बढ़ना चिंता का कारण है। मोदी ने कहा कि पूर्णबंदी के दौरान पूरे देश ने नियमों का पालन किया लेकिन अब सरकारों और लोगों के स्तर पर अत्यधिक सतर्कता बरते जाने की जरूरत है। विशेषकर कन्टेनमेंट जोन पर बहुत ध्यान देना होगा। जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा। अभी आपने खबरों में देखा होगा कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार रुपए का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वो सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। ये 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की रक्षा करने का अभियान है। भारत में गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है। मोदी ने कहा कि मैं सभी से आग्रह भी करता हूं कि दो गज की दूरी का पालन करते रहिए, गमछा, फेस कवर, मास्क ये हमेशा उपयोग कीजिए, कोई लापरवाही मत बरतिए।