नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की रक्षा में प्राण न्यौच्छावर करने वाले भारत मां के सपूतों के साथ-साथ देश के कोरोना यौद्धाओं को भी श्रद्धांजलि दी और नमन किया। मोदी ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। मोदी ने कहा कि आजादी और भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले यौद्धाओं के कारण ही हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। समूचा राष्ट्र इन जांबाजों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी का यह पर्व इस बार देश असाधारण परिस्थिति में मना रहा है और भारत के साथ साथ पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चुनौती का सामना कर रही है। देशवासियों ने अपने संकल्प और सामर्थ्य से इस चुनौती का हिम्मत के साथ सामना किया है। देश के कोरोना यौद्धाओं ने चौबीस घंटे दिन रात एक कर अपने सेवा भाव से लोगों की सेवा की। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इन सब कोरोना यौद्धाओं को नमन करते हैं। इस दौरान कई लोगों ने सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी देश इन सभी को नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता है और इनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता और संवेदना व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने आत्मविश्वास और संकल्प से सफलता हासिल की है। देश कोरोना महामारी के खिलाफ भी जल्द ही विजयी होगा। मोदी ने कहा कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। देश में आजादी की ललक ऐसी थी कि उसने दो दो विश्व युद्धों के दौरान भी अपने इस संकल्प को कमजोर नहीं होने दिया और विस्तारवादी ताकतों के मंसूबों को असफल कर आजादी हासिल की। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि देश एक बार जो ठान लेता है। उसे पूरा करके दम लेता है। देश ऐसे ही एक दिन कोरोना को भी हराकर दम लेगा। लाल किले पर ध्वाजारोहण से पहले मोदी सुबह सात बजे राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम ने लाल किले से कहा कि इतनी आपदा के बाद भी सीमा पर देश के सामर्थ्य को चुनौती देने की गंदी कोशिश हुई है. लेकिन LoC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने भी आंख उठाई, देश की सेना ने हमारे वीर जवानों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है। भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है। संकल्पों से प्रेरित है और सामर्थ्य पर अटूट श्रद्धा से आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।