नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को जल्द ही दुनिया का सबसे घातक लड़ाकू विमान राफेल मिलने जा रहा है। विजयादशमी के दिन यानि 8 अक्टूबर को पहला राफेल फाइटर विमान वायुसेना को आधिकारिक तौर पर मिल जाएगा। वायुसेना को कुल 36 राफेल विमान मिलेंगे। भारतीय वायु सेना ने फ्रांस से मिलने वाले राफेल को पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात करने का फैसला किया है। इन विमानों को पाकिस्तान बॉर्डर से पहले चीन बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा। पूर्वी कमान क्षेत्र में अरुणाचलप्रदेश को लेकर चीन का रुख आक्रामक रहता है, ऐसे में बॉर्डर पर राफेल की तैनाती काफी अहम मानी जा रही है।
शिलांग में सेना के प्रवक्ता ने बताया है कि जल्दी ही राफेल को चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टरों के साथ पूर्वोत्तर में तैनात किया जाएगा। पूर्वोत्तर में तैनात किए जा रहे ज्यादातर राफेल विमानों की तैनाती चीन की सीमा के आसपास होगी। इन विमानों के उतरने के लिए 8 लैंडिंग ग्राउंड तैयार किए गए हैं, जो किसी भी समय चालू किए जा सकते हैं।
फाइटर जेट राफेल की खासियत ये है कि यह कई तरह के रोल निभा सकता है। हवा से हवा में मार कर सकता, हवा से जमीन पर भी आक्रमण करने में सक्षम है। इसमें परमाणु बम गिराने की भी ताकत है। एक मिनट में विमान के दोनों तरफ से 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं।