नई दिल्ली। कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हिंसा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि इस तरह से सरकार प्रायोजित हिंसा कर विश्वविद्यालयों में डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि दुनिया में भारत की छवि एक उदार लोकतांत्रिक देश की है। मोदी-शाह के गुंडे विश्वविद्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और अपने उज्ज्वल भविष्य की तैयारियों में जुटे छात्रों में भय पैदा किया जा रहा है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने भी मीडिया से कहा कि जेएनयू में बीती रात सरकार प्रायोजित हिंसा हुई जो मोदी-शाह के इशारे पर हुई है। उन्होंने कहा कि इस हमले में छात्रों को ही नहीं बल्कि अध्यापकों को भी पीटा गया, जिसमें प्रोफेसर सावंत शुक्ल, प्रो. सुचित्रा सेन, प्रो. अतुल सूद, प्रो. एस मजूमदार सहित कई लोग घायल हो गए। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि उन्होंने हिंसा के इस मंजर को नजदीक से देखा है। हमलावर 'वामपंथियो को मारो' जैसी बातें कर रहे थे। उदित राज ने दावा किया कि उनके पास घटना का वीडियो भी है।
मायावती, अखिलेश ने की न्यायिक जांच की मांग
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिंसा में छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों के भी घायल होने की घटना को शर्मनाक बताया है और इसकी न्यायिक जांच की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट कर इसे शर्मनाक कहा और न्यायिक जांच की मांग की।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि जेएनयू में छात्रों व शिक्षकों के साथ मारपीट अति-निन्दनीय व शर्मनाक है। इस घटना को केंद्र सरकार को हर स्तर पर गंभीरता से लेना चाहिए, इसके साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए तो यह बेहतर होगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जेएनयू में जिस तरह नकाबपोश अपराधियों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया वो बेहद निंदनीय है। इसकी तत्काल उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।