जयपुर। कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना हृदय रोगियों को करना पड़ा है। कोरोना के कारण अस्पताल में जाने का डर और इलाज में देरी के कारण ज्यादतर हृदय रोगियों की इस दौरान मौत हो गई, जो कि मरने से पहले या मरने के बाद आई जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कोरोना के खिलाफ जो एंटीबॉडी शरीर में बनती हैं उससे हार्ट की मांसपेशियों पर असर पड़ सकता है और हार्ट की पंपिंग क्षमता कम होकर सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। इसके कारण हृदय रोगियों का कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मृत्यु होने का खतरा ज्यादा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से डरे नहीं और हार्ट के मरीजों को इलाज में देरी ना करके तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा हृदय रोगी भारत में हैं। जहां हर साल 50 लाख लोगों की हार्टअटैक से मौत होती है, वहीं हर 4 में से एक रोगी की मौत हृदय रोगों से हो जाती है।
हर शरीर के लिए कॉलेस्ट्रोल का प्रभाव अलग
ईएसआई मॉडल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव सिंघल ने बताया कि हमारे शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली के लिए कॉलेस्ट्रोल जरूरी होता है। हालांकि हृदय रोगियों को कॉलेस्ट्रोल युक्त पदार्थों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। ऐसे पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है, क्योंकि पेट की आंतों में इसका अवशोषण व्यक्ति के जीन पर निर्भर करता है।
तनाव को रखें दूर
सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. अंकित माथुर ने कहा कि इस समय तनाव और चिंता आपके हृदय के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। ध्यान, योग के अभ्यास से और मधुर संगीत सुनने से आप अपने हृदय के स्वास्थ्य को अच्छा रख सकते हैं। कोरोना काल जैसे इस मुश्किल समय में जरूरी है कि आप अपने नजदीकी लोगों और रिश्तेदारों के साथ संचार के साधनों से जुड़े रहें। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निखिल चौधरी ने बताया कि स्मोकिंग से हार्टअटैक का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है। सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी उतना ही हानिकारक है। ऐसे में स्मोकिंग की लत को छोड़ना बेहद आवश्यक है।
इम्यूनिटी के लिए ले सकते हैं थोड़ा देसी घी
सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. सैफी आरसीवाला ने बताया कि हृदय सर्जरी के बाद रोगियों को तीन सप्ताह तक खाने में प्रतिदिन 20 से 30 ग्राम तक देसी घी लेना चाहिए, इससे इम्यूनिटी बढ़ती है। जो मरीज कोलेस्ट्रॉल की दवा पर है, उन्हें विटामिन डी की जांच जरूर करवानी चाहिए। इसकी कमी से इम्युनिटी कम हो जाती है।
बिना डॉक्टरी सलाह के न लें दवा
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जरी विभाग के डॉयरेक्टर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में यह देखने में आ रहा है कि हृदय रोगी अपने डॉक्टर से कम संपर्क कर रहे हैं। जरूरी प्रोसिजर या सर्जरी टाल रहें हैं, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। जिन मरीजों की हार्ट प्रोसिजर या सर्जरी हो चुकी है या फिर जो हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या डायबिटिज से प्रभावित है, उन्हें अपनी दवा नियमित रूप से लेनी चाहिए। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. देवेन्द्र श्रीमाल ने बताया कि हार्टअटैक में गोल्डन पीरियड का विशेष महत्व है। आमजन को जानना जरूरी है कि हार्टअटैक से होने वाली मृत्यु के 50 प्रतिशत केस अटैक के एक घंटे यानि गोल्डन पीरियड के भीतर ही हो जाते हैं। यदि इस दौरान मरीज को अस्पताल ले जाया जाए तो उसे बचाया जा सकता है।