जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस अस्पताल) के चिकित्सकों ने एक बार फिर अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां चिकित्सकों ने पहली बार स्वयं के स्तर पर लीवर का ट्रांसप्लांट किया है। इससे पहले दिल्ली स्थित आईएलबीएस अस्पताल के चिकित्सकों के साथ एमओयू के तहत अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट किए गए, लेकिन पिछले दो साल से अस्पताल के चिकित्सकों के बीच अंदरूनी खींचतान के चलते लीवर ट्रांसप्लांट नहीं हो पाया था, लेकिन अब बुधवार देर रात को एक जरूरतमंद मरीज को लीवर का प्रत्यारोपण किया गया है। वहीं ब्रेन डेथ होने के बाद 16 वर्षीय बच्चे के परिजनों द्वारा हार्ट, लीवर व दोनों किडनी का दान किया गया था। बाद में एसएमएस डॉक्टर्स की टीम ने लीवर व दो गुर्दों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया। इस सफलता पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी उत्तर भारत में पहली बार सफलतापूर्वक कैडवरिक गुर्दा प्रत्यारोपण करने पर एसएमएस प्रबंधन एवं डॉक्टर्स की टीम को बधाई दी है।
हार्ट को भेजा दिल्ली के निजी अस्पताल
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि 11 नवंबर को यूरोलॉजी व गैस्ट्रो सर्जरी विभाग की टीम द्वारा 2 मरीजों को गुर्दा व लीवर प्रत्यारोपण किया गया। उन्होंने बताया कि यह देश में संभवतया पहला मामला है जब एक साथ कैडवरिक गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया। इसमें एक महिला की उम्र करीब 63 वर्ष थी। दोनों गुर्दे सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। गुर्दा प्रत्यारोपण यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ आचार्य डॉ. एस एस यादव के नेतृत्व में किया गया। गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. राम डागा के अनुसार लीवर प्रत्यारोपण प्रक्रिया का संचालन डॉ. आर के जैनव ने किया।