जयपुर। शहर के चिकित्सकों ने एक महिला का तीन माह की गर्भावस्था के दौरान भी बिना सर्जरी के वॉल्व बदलने में सफलता प्राप्त की है। इस प्रोसीजर को सफलता पूर्वक अंजाम देने वाले शहर चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवीन्द्र सिंह राव ने बताया कि 28 वर्षीय यह महिला सिम्पटोमैटिक एओर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित थी। जिन मरीजों में गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस के लक्षण विकसित होते हैं, वे औसतन दो साल के भीतर मर सकते हैं, अगर उनके एओर्टिक वॉल्व को बदला नहीं जाए।
गर्भावस्था की तिमाही, सर्जरी विकल्प नहीं
सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह गर्भावस्था की तिमाही में थी, ऐसे में सर्जरी कोई विकल्प नहीं था। तीन असफल गर्भावस्था के बाद यह चौथी बार गर्भधारण किया था। उसके हृदय की स्थिति का उपचार करने के लिए कोई सर्जिकल विकल्प नहीं था, जो हर गुजरते दिन के साथ बिगड़ रही थी। मैंने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) का विकल्प चुना। कैथ लैब के अंदर पांच से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ 2.30 घंटे तक चली संवेदनशील प्रक्रिया में वॉल्व को सफलतापूर्वक बदल दिया गया, इस दौरान मरीज पूरी तरह से सचेत रहा।