शहर के चिकित्सकों ने एक महिला का तीन माह की गर्भावस्था के दौरान भी बिना सर्जरी के वॉल्व बदलने में सफलता प्राप्त की है। इस प्रोसीजर को सफलता पूर्वक अंजाम देने वाले शहर चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवीन्द्र सिंह राव ने बताया कि 28 वर्षीय यह महिला सिम्पटोमैटिक एओर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित थी।
सवाई मानसिंह अस्पताल में 41वां अंगदान किया गया है। प्राचार्य एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि देर रात तक अंगों का प्रत्यारोपण किया गया। दोनों किडनीयों को सवाई मानसिंह चिकित्सालय, लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल, जयपुर में प्रत्यारोपित किया गया।
महात्मा गांधी अस्पताल के चिकित्सकों ने झुंझुनूं जिले की 14 वर्षीय किशोरी के पेल्विक बोन ट्यूमर की सफल सर्जरी की है। किशोरी अपने बाएं कूल्हे (पेल्विक रीजन) में दर्द को लेकर अस्पताल भर्ती हुई। जांच में उसे इविंग्स सारकोमा नामक कैंसर की पुष्टि हुई। यह बीमारी लाखों में से किसी एक को होती है।
जयपुर शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टमी तकनीक से स्ट्रोक से पीड़ित एक 34 वर्षीय महिला मरीज की जान बचाने में सफलता प्राप्त की है। दरअसल मरीज को हाल ही में जब दुर्लभजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था तब उसे अचेतन अवस्था के साथ ही शरीर के बाएं हिस्से में लकवे की शिकायत थी।
सिर दर्द कई तरह का होता है, लेकिन अगर आपको सिर व चेहरे पर बिजली कौंधने जैसा तेज दर्द हो तो आपको सावधान होने की जरूरत है। यह गंभीर न्यूरो डिजिज ट्राइजेमिनल न्यूरोलजिया हो सकती है। आमतौर पर युवाओं में ज्यादा देखे जाने वाली इस बीमारी में दर्द का पहला अटैक आते ही बिना देर किए विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में ह्रदय संबंधित मामले तीन गुना अधिक होते हैं। वहीं अब कोरोना वायरस द्वारा दिल पर बुरा प्रभाव पड़ने से डॉक्टरों की चिंताएं बढ़ा दी है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना से संक्रमण होने पर हार्ट डिजीज का खतरा 10 से 15 प्रतिशत तक ज्यादा बढ़ जाता है।
राजस्थान में कोरोना महामारी के कारण अंधता से जूझ रहे हजारों लोगों के जीवन में रोशनी का इंतजार और लंबा हो गया है। संक्रमण के खतरे के चलते आंखें यानि कार्निया दान करने की रफ्तार पर ब्रेक से लग गए। प्रदेश में इस साल मार्च में कोरोना की दस्तक के बाद से कार्निया दान होने की प्रक्रिया एक तरह से थम सी गई।
कोरोना के बेहतरीन उपचार को लेकर देशभर में विख्यात जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के चिकित्सकों व एमएनआईटी जयपुर के सहयोग से कंपनी ने कोरोना से बचाव के लिए ऐसा मास्क बनाया है, जो संक्रमण से 99.9 फीसदी बचाएगा। खास बात ये है कि इस मास्क का विकास एवं निर्माण पूर्णतया जयपुर में हुआ है।
बोन कैंसर से जूझ रहे मरीज के कूल्हे और घुटने के जोड़ को स्थिरता देने वाली शरीर की सबसे मजबूत हड्डी फीमोरल बोन की दुर्लभ टोटल फीमोरल रिप्लेसमेंट सर्जरी, जयपुर के डॉक्टर्स ने सफलतापूर्वक कर दिखाई। 75 वर्षीय मरीज की जांघ की हड्डी बोन कैंसर के कारण तेजी से गलने लगी थी, ऐसे में डॉक्टर्स ने कूल्हे व घुटने के जोड़ तक फैली पूरी हड्डी को बदल दिया।
पेशे से व्यापारी नरेश शर्मा (परिवर्तित नाम) कोरोना संक्रमित होने के कुछ दिनों बाद ठीक हो गए, लेकिन महीनेभर बाद ही उन्हें परिजनों को दोबारा से हॉस्पिटल लाना पड़ा। उन्हें न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाया गया, क्योंकि संक्रमित होने के बाद से उन्हें भूलने की समस्या होने लगी थी। वह छोटी-छोटी चीजें भी भूलने लगे थे, जो कोरोना संक्रमण से पहले कभी नहीं होता था।