मुंबई। चाइनीज ऐप वी चैट की तर्ज पर एक मल्टी-परपज ऐप्लिकेशन बनाने के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने हाथ मिलाया है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी ऐप्लिकेशन बनाने पर विचार किया जा रहा है, जो न केवल कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म होगा, बल्कि इसके जरिए यूजर रिलायंस रिटेल के स्टोर्स से ग्रॉसरी खरीद सकेंगे। AJio.com से शॉपिंग कर सकेंगे और जियोमनी के जरिए पेमेंट भी कर सकेंगे। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि इसमें व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म और यूजर बेस का सहारा लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि दोनों कंपनियां इस प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग और टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर काम करेंगी।
इनका इरादा टेनसेंट के वी-चैट ऐप की तर्ज पर ऐसा सुपर-ऐप बनाने का है, जिसमें डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया, गेमिंग के अलावा फ्लाइट और होटल बुकिंग जैसे फीचर्स भी हों। इस तरह के ऐप से रिलायंस को दोहरा फायदा होगा। एक तो वह रिलायंस के पूरे कंज्यूमर को बिजनेस के लिए बिजनेस टु कंज्यूमर एंगेजमेंट की सहूलियत मिलेगी, वहीं इससे कंपनी को यूजर्स के खर्च करने के पैटर्न का सुराग मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए मॉर्गन स्टेनली को इनवेस्टमेंट बैंकर बनाया गया है। इस संबंध में रिलायंस को ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं मिले। फेसबुक ने कमेंट करने से मना कर दिया।
मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि इससे जुड़ी बातचीत टुकड़ों में बांट दी गई है। लिहाजा कमर्शियल पहलू पर बातचीत कर रहे लोगों को यह पता नहीं है कि टेक्नोलॉजी या वित्तीय पहलू पर क्या काम हो रहा है। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि या तो एक नई कंपनी बनाई जाएगी, जिसमें दोनों कंपनियां निवेश करेंगी या फेसबुक ही रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल में निवेश कर सकती है और इस तरह नए वेंचर के लिए पार्टनरशिप की जा सकती है। उन्होंने बताया कि दोनों कंपनियों ने कानून से लेकर टैक्स के मसलों तक पर अमेरिका में काम करने वाले कंसल्टेंट्स और वकीलों को हायर किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक रिलायंस जियो में कई अरब डॉलर निवेश करने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया था कि फेसबुक अरबों डॉलर निवेश कर रिलायंस जियों में 10 प्रतिशत तक हिस्सा ले सकती है। मामले से वाकिफ लोगों ने संकेत दिया कि कोविड-19 महामारी के कारण इस डील में थो़ड़ा समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि रिलायंस रिटेल के लिए प्राथमिकता अपने स्टोर्स का कामकाज चलाना है ताकि कंज्यूमर्स को सप्लाई मिलती रहे। साथ ही अभी यात्रा पर भी प्रतिबंध हैं। एग्जिक्यूटिव ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि कंपनी रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के लिए पैसे जुटाने पर विचार कर रही है।