जयपुर। स्कूलों में दिसंबर महीने तक लगभग कोर्स पूरा कर अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित करवाई जा चुकी होती हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते 31 दिसंबर तक प्रदेश में सभी स्कूलें बंद है। ऐसे में इस शैक्षणिक सत्र में बच्चों को पढ़ाने और परीक्षाओं में पास करने के साथ ही उनके भविष्य का सवाल खड़े हो रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए तैयारियां की जा रही है। जिसमें सबसे पहले पाठ्यक्रम को कम करने के साथ-साथ परीक्षा में पासिंग मार्क्स 26 प्रतिशत करने का फैसला लिया जा सकता है। वहीं, स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम पर फिर से कैची चलेगी। पाठ्यक्रम को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पाठ्य पुस्तक मंडल में बैठक भी ली, जिसमें शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों और स्कूली बच्चों की पढ़ाई को लेकर मंथन किया गया।
फिलहाल बच्चों का एक साल बचाने का प्रयास
गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि पहले सीबीएसई की तर्ज पर 70 प्रतिशत किया गया था, लेकिन वर्किंग डे कम होने के चलते अब एक बार फिर पाठ्यक्रम को कम करने की तैयारी की जा रही है। बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए उनके एक साल बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। साथ ही पहले 30 फीसदी सिलेबस को कम किया था तो वहीं अब वर्किंग डे और कम होते जा रहे हैं, जिसको देखते हुए आगे सिलेबस को और कम किया जा सकता है और पासिंग मार्क्स को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की है। फिलहाल इसको लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है, लेकिन यदि आगे कोरोना के चलते स्कूल और बंद रहती हैं तो इसको पर भी कोई फैसला लिया जा सकता है। फिलहाल बच्चों का 1 साल कैसे बचाया जाए और उनको संक्रमण से भी कैसे बचाया जाए, इस पर सरकार का पूरा फोकस है। आगे सरकार जो भी फैसला लेगी उसके अनुसार ही स्कूल खोलने को लेकर फैसला लिया जाएगा।