जयपुर। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ कम होने के साथ ही धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे है। इससे अब स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ेगी। राज्य सरकार ने प्रदेशभर के राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 6वीं से 8वीं तक की स्कूलों को आठ फरवरी से खोलने की अनुमति दे दी है। इस दौरान राज्य के छोटे प्राइवेट स्कूल कक्षाएं शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन बड़े प्राइवेट स्कूल संचालक अभी कंफ्यूज है कि कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों के लिए अभी स्कूल खोले या नहीं। ऐसे में कई स्कूल प्रबंधक अभिभावकों से सुझाव मांग रहे है।
अभिभावकों में डर
अब भी कुछ अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे है। वहीं कुछ बच्चों का साल ना खराब करते हुए उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ स्कूल भेजने को तैयार है। जहां एक तरफ अभिभावक असमंजस में है। वहीं दूसरी ओर बच्चे स्कूल जाने के लिए उत्साहित नजर आ रहे है।
7 फरवरी को होगी पीटीएम
निदेशक सौरभ स्वामी के मुताबिक स्कूल खोले जाने के एक दिन पहले 7 फरवरी को स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) करना जरूरी होगा। इसमें अभिभावकों को कोरोना गाइडलाइन की जानकारी दी जाएगी। उधर स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि हम सभी बच्चों को स्कूल बुला रहे है। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की पालना की जा रही है।
क्लास जैसी नहीं हो रही पढ़ाई
स्टूडेंट्स तनीषा, आर्यन कुमावत और खुशबु राठौड़ ने कहा कि अभी |नलाइन पढ़ाई कर रहे है, लेकिन क्लास जैसी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। स्कूल खुलेंगे तो अच्छे से पढ़ाई होगी और सिलेबस भी पूरा होगा। वहीं लंबे समय के बाद स्कूल खुलने से हम काफी उत्साहित है।
गाइडलाइन की करनी होगी पालना
शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूलों में छात्रों के लिए सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक का समय निर्धारित किया है। विभाग के निदेशक की गाइडलाइन के अनुसार कक्षा में सभी बच्चों को बुलाया जा सकेगा। स्कूल आने के लिए अभिभावक से सहमति लेना जरूरी होगा। इस दौरान प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूल खुलेंगे। गौरतलब है कि 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को गत 18 जनवरी से विद्यार्थियों के लिए खोल दिया है, लेकिन अभी भी कुछ अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। भांकरोटा स्थित डीपीसी स्कूल की प्राचार्य रीटा तनेजा ने कहा कि अभिभावकों से कंसेंट मंगवा रहे है। इसके बाद स्कूल प्रशासन स्कूल खोलने को लेकर अंतिम फैसला लेगा।
11 महीने बाद शुरू होगा पढ़ाई का दौर
उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों के स्कूल करीब 11 महीने बाद खुलने जा रहे है। अभिभावक रामसिंह राठौड़ ने कहा कि बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ स्कूल भेजेंगे, क्योंकि अगर अब बच्चे को स्कूल नहीं भेजते है तो उनका पूरा एक साल खराब हो जाएगा। अभिभावक राधेश्याम ने कहा कि घर में बच्चे सुरक्षित रहे हैं। अब बच्चों की चिंता हर समय बनी रहेगी। बच्चों को संक्रमण से भी बचाना है और पढ़ाना भी है। अब सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि स्कूलों में व्यवस्था किस प्रकार की जाएगी।