जयपुर। देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन सम्पन्न हुई, इसमें 92 फीसदी से अधिक सवाल एनसीईआरटी बेस्ड रहा। इस बार आठ पारी में कुल 11,18, 673 छात्र देशभर में एग्जाम दिया। इस वर्ष यह परीक्षा देश के 224 शहरों के साथ विदेशों के 9 शहरों में आयोजित हुई।
राजस्थान में 11 शहरों में ये परीक्षा हुई, जिसमें अजमेर, अलवर, भरतपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, सीकर,शामिल हैं। जेईई मेन में कुल मिलाकर पेपर्स सीधे एनसीईआरटी किताबों पर आधारित 92 फीसदी से अधिक सवाल थे, जिसमें लगभग 70 फीसदी प्रश्न फिजिक्स और मैथ्स में संख्यात्मक थे तथा 30 फीसदी रसायन विज्ञान में संख्यात्मक थे एवं 20 फीसदी मेमोरी आधारित रसायन विज्ञान पाठ के प्रश्न थे, जो कि पिछले साल के समान थे।
नहीं होगा छात्रों को नुकसान
दोनों पारियों के पेपर अन्य दिनों की तुलना में कठिन था, लेकिन सामान्य होने की प्रक्रिया के कारण इसमें उपस्थित छात्रों को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जेईई मेन रैंक एनटीए द्वारा परिभाषित प्रतिशत गणना पर आधारित होगी।
लंबी गणना के मैथ्स के सवाल
इस साल अगर हम ध्यान से पेपर पैटर्न को देखें तो सभी पारियों में मैथ्स के पेपर में लंबी गणना के प्रश्न थे, फिजिक्स कठिन था और कैमेस्ट्री आसान तथा तथ्य आधारित प्रश्न थे।
यह इंगित करता है कि जिन छात्रों ने अग्रिम स्तर पर फिजिक्स तैयार की और उच्च गणना गति प्राप्त की, उन्हें दूसरों पर लाभ मिलेगा।
समग्र बेंच मार्किंग को रखेंगे पात्र
एनटीए ने पहले ही घोषणा की है कि पत्रों की समग्र बेंच मार्किंग को समान रखा जाएगा और सभी 16 पारियों, जिनमें सामान्य अखिल भारतीय रैंक केवल छात्रों के प्रतिशत अंक के आधार पर घोषित की जाएगी। इस परीक्षा में छात्रों के वास्तविक अंक जारी नहीं किए जाएंगे।
विशेषज्ञ आशीष अरोड़ा का कहना है कि छात्रों को मुख्य रूप से एनसीईआरटी की किताबों पर पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। रसायन विज्ञान के स्मृति आधारित प्रश्नों के साथ भौतिकी और गणित के सभी संख्यात्मक प्रश्न इसमें शामिल रहेंगे।