अजमेर। कोरोना के कारण बंद स्कूलों और इससे प्रभावित अध्यापन को देखते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 9वीं से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत की कमी कर दी है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अब केवल शेष 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम का ही अध्ययन कर परीक्षा देनी होगी। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. धर्मपाल जारोली ने शनिवार को संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। इसे बोर्ड की वेबसाइट rajeduboard.rajasthan.gov.in पर अपलोड किया गया है, जहां से विद्यालय प्रशासन और विद्यार्थी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बोर्ड ने पाठ्यक्रम में कटौती के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मुन्नालाल अग्रवाल, राजस्थान विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मदन लौरी एवं मौजूदा एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता, कॉलेज शिक्षा सहायक निदेशक डॉ. सुनीता पचौरी एवं महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नीरज भार्गव शामिल थे। समिति ने पाठ्यक्रम में संक्षिप्तकरण के लिए एक प्रारूप तैयार कर विषय-विशेषज्ञों को उपलब्ध कराया था, जिससे समरुपता बनी रहे। पाठ्यक्रम समिति और विभिन्न विषय समितियों ने जिन कक्षाओं में सीबीएसई का पाठ्यक्रम लागू है, उन कक्षाओं के पाठ्यक्रम में कमी करते समय सीबीएसई द्वारा अपनाई गई कार्यविद्या का भी पूरा ध्यान रखा। इसमें उन विषय-वस्तु को नहीं हटाया गया है, जो उस अध्याय में मूल अवधारणा को व्यक्त करते हैं।
प्रतिभा खोज परीक्षा होगी प्रभावित
इसके बाद बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश में 13 दिसम्बर को आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में गत वर्ष के कक्षा 9 के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम और कक्षा 10 के इस वर्ष के संशोधित पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। परीक्षा में शामिल होने के लिए चालू शैक्षिक सत्र में दसवीं में अध्ययनरत विद्यार्थी स्कूल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।