अजमेर। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को अब प्राइवेट स्कूलों के बच्चों व शिक्षकों की तरह गले में परिचय-पत्र लटकाने होंगे। केन्द्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट सत्र 2019-20 में राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों को परिचय-पत्र उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में करीब 155 लाख रुपए का बजट जारी किया गया है। प्रति कार्ड पर अधिकतम 30 रुपए खर्च होंगे।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की राज्य परियोजना निदेशक अभिषेक भगोतिया की ओर से जारी निर्देश के अनुसार शिक्षकों व संस्था प्रधानों के परिचय-पत्र जिला कार्यालय द्वारा तैयार कराकर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पर जिला परियोजना समन्वयक के हस्ताक्षर होंगे। पूरे प्रदेश में एकरूपता को ध्यान में रखते हुए परिचय-पत्र का प्रारूप, कार्ड, डोरी एवं होल्डर एक जैसे होंगे। कार्ड पर मुद्रित होने वाला विवरण पीईईओ तथा शहरी क्षेत्र में संस्था प्रधानों से प्रमाणित करना होगा।
यह होगी जानकारी
परिचय-पत्र के एक ओर शिक्षक की रंगीन फोटो, नाम, पद, जन्मतिथि व विद्यालय का नाम के साथ जिला, ब्लॉक, ग्राम व यू-डाइस कोड के साथ शिक्षक के पिता/पति का नाम, राजकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति तिथि, कार्मिक आई.डी., ब्लड ग्रुप एवं मोबाइल नम्बर के साथ घर का स्थाई पता अंकित होगा। कार्ड पर परिचय पत्र जारी करने वाले अधिकारी के पदनाम सहित हस्ताक्षर होंगे।
इनके जारी नहीं होंगे
सरकारी विद्यालयों में कार्यालयों में कार्यरत, प्रतिनियुक्ति पर अन्यत्र लगे शिक्षकों व मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम का समय होने पर पहचान-पत्र जारी नहीं किए जाएंगे। शिक्षकों को तबादला, सेवानिवृत्त, सेवा परित्याग की स्थिति में पहचान-पत्र वापस जमा कराना होगा।