इस साल के जून माह में ब्रिटेन में आयोजित जी-7 सम्मेलन में भारत को आमंत्रित सदस्य के बतौर आमंत्रित करना काफी महत्वपूर्ण है। भारत का महत्व इसलिए है कि भारत में एक सफल लोकतांत्रिक व्यवस्था है और इस व्यवस्था के चलते हमने प्रगति व विकास किया है। जी-7 ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, कनाडा, फ्रांस, इटली व जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक विकसित देशों का समूह है।
भारत के कुछ पड़ोसी देश भारत के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, तो ऐसे में भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाना जरूरी बन जाता है। वैसे आज भी भारत सैन्य शक्ति के मामले में ज्यादा कमजोर नहीं है, लेकिन हमारी वायुसेना पिछले लंबे अर्से से कुछ और अत्याधुनिक प्रणाली से लैस युद्धक विमानों की मांग करती रही है। वायुसेना के मौजूदा विमान काफी पुराने पड़ चुके हैं और दुनिया में इस वक्त नई उच्च प्रणाली के युद्धक विमान तैयार हो गए हैं।
हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन दमदार रहा है। चुनावों में प्रचार के लिए भाजपा ने काफी जोर लगाया और उसका नतीजा भी भाजपा के लिए काफी सुखद रहा। नतीजों में भाजपा सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) के वर्चस्व को भाजपा चुनौती देती नजर आ रही है।
इन दिनों सरदार पटेल मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर सरप्राइज देने को लेकर चर्चा जोरों पर है। सरप्राइज देने वाले भी कोई छोटे-मोटे नेता नहीं बल्कि छोटा भाई-मोटा भाई है। भगवा वालों में दोनों का कद बढ़ा है और दोनों ही गांधीजी की जन्मभूमि से ताल्लुकात रखते हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना (सीसीपीए): केन्द्र सरकार उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने, उन्हें सुरक्षित करने और उन्हें लागू करने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन करेगी।
उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 में 1986 के कानून से अलग क्या-क्या प्रावधान है। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 को लोकसभा ने 30 जुलाई 2019 को और राज्यसभा ने 6 अगस्त 2019 को पारित किया है। यह विधेयक संसद में उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान द्वारा पेश किया गया था।
सूबे में हाथ वाले भाई लोगों में दो-दो हाथ हुए तो भगवा वाले कुछ भाईसाहबों की बाछें खिल गई। उतावलेपन में उनको दिन-रात राज की कुर्सी के सिवाय कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। और तो और उन्होंने वरिष्ठ भाईसाहबों को भी नजरअंदाज कर दिया। उनसे सलाह लेना तो दूर बल्कि सलामी देना तक भूल गए।
सूबे में इन दिनों लोकतंत्र के सभी पिलर्स पर सस्पेंस, थ्रिलर एण्ड एक्शन हावी है। इसके चलते वे अपना-अपना अलाप करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जब भी जिसका दांव लगता है, हाथ-पैर जरूर मारता है। अब देखो ना राज की कुर्सी जाएगी या बचेगी, इसका खुलासा तो भाद्रपक्ष की एकादशी का चन्द्रमा देखने के बाद होगा।
सूबे में पिछले 24 दिनों से बगावत को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। इन चर्चाओं से हाथ और भगवा वाले भाई लोगों के साथ ही हाथी वाले भी अछूते नहीं हैं। चर्चा है कि हाथ वाले कुछ जोशीले भाई लोगों ने नंबर वन की कुर्सी के लिए बगावत कर दी, लेकिन वह अब भगवा वालों के गले की फांस बन गई, जो न उगलते बन रही है और न ही निगलते।