अजमेर । रेलवे ने बुधवार को न केवल अजमेर में धारा 144 की धज्जियां उड़ा दी, बल्कि कोरोना संक्रमण के दौर में डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों को एकत्र कर उनकी जान भी जोखिम में डाल दी। मौका था, रेलवे में पैरामेडिकल स्टाफ के 53 पदों पर संविदा के आधार भर्ती का। जिसमें इंटरव्यू देने के लिए राज्य के कई जिलों से महिला व पुरुष अभ्यर्थी अजमेर पहुंच गए। मामला बढ़ने पर रेलवे ने भर्ती को अगले आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस बीच, जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाने पर रेल अधिकारियों को नोटिस दिए हैं।
अजमेर मंडल की ओर से चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के 53 पदों पर संविदा के आधार पर 3 माह के लिए अस्थाई भर्ती की जानी है। इसमें 4 चिकित्सक, 16 नर्सिंग अधीक्षक व 3 फार्मासिस्ट के पद शामिल हैं। बुधवार को रेलवे ने अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था। भर्ती के लिए डेढ़ हजार से ज्यादा अभ्यर्थी सुबह 11 बजे मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पहुंच गए। रेलवे ने इन अभ्यर्थियों को जीएलओ ग्राउण्ड पर एकत्र किया। रेलवे का दावा है कि अभ्यर्थियों के बीच सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के स्टाफ को लगाया गया था और इसकी पूरी पालना की गई। इसी तरह रेल अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति अभ्यर्थियों की दो स्तर पर स्क्रीनिंग कर रही थी। समिति में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी आर.एस.परिहार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पी.सी.मीना, वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक विक्रम सैनी शामिल थे। अभ्यर्थियों के इंटरव्यू जारी थे, लेकिन बीच में ही जिला पुलिस ने इस पर पाबंदी लगा दी। इसके बाद रेलवे ने अभ्यर्थियों के दस्तावेज जमा कर उन्हें घरों को लौटा दिया है।
अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
भर्ती के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के एकत्र होने की सूचना पुलिस-प्रशासन तक पहुंची, तो पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्टÑदीप ने इसकी तस्दीक के लिए अधिकारियों को मौके पर भेजा। सूचना सही होने पर एसपी ने तुरंत इंटरव्यू प्रक्रिया को बंद कराने के निर्देश दिए। साथ ही इस संबंध में मंडल रेल प्रबंधक नवीन कुमार परसुरामका, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी आर.एस.परिहार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पी.सी.मीना, वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक विक्रम सैनी को नोटिस जारी कर दिए गए। उनसे लॉकडाउन के आदेशों की अवहेलना करने पर जवाब-तलब किया गया है। इसके बाद रेल अधिकारियों ने गुरुवार को होने वाले इंटरव्यू को भी निरस्त कर पूरी भर्ती को अगले आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया है।
परिचय पत्रों का लिया सहारा
सूत्रों के मुताबिक अजमेर आए सभी अभ्यर्थी चिकित्सा विभाग से जुड़े हुए हैं। इनके पास मेडिकल के परिचय पत्र बने हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान मेडिकल सेवाआें से जुड़े व्यक्तियों व कर्मचारियों पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है। यह अभ्यर्थी पुलिस द्वारा रोके जाने पर, यही परिचय पत्र दिखाकर मंडल कार्यालय तक पहुंंच गए।
25 भीलवाड़ा से भी आए अभ्यर्थी
प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जिलों की सीमा सील होने के बावजूद अजमेर पहुुंच गए। बताया जा रहा है कि इसमें 25 युवक भीलवाड़ा से भी आए थे। इस सूचना से जिला प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है। प्रशासन की ओर से अभ्यर्थियों की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों की जांच से इसकी सच्चाई पता चलेगी।
कांग्रेस ने की जांच की मांग
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने लॉकडाउन के दौरान अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाने के मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जैन ने रेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने धारा 144 की धज्जियां उड़ा दी और लॉकडाउन में डेढ़ हजार लोग एकत्र कर लिए। रेल प्रशासन का यह रवैया लोगों की जान को जोखिम में डालने वाला है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार की भर्तियों को जयपुर व बीकानेर डिवीजन ने हालातों के मद्देनजर रद्द कर दिया था। फिर अजमेर डिवीजन में इसकी क्या जरूरत थी। जैन ने कहा कि इस संदर्भ में केन्द्र व राज्य सरकार को शिकायत कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।